शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल अश्विन माह में मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा की नौ दिनों तक विशेष पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान भक्तों को सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित माना जाता है।
Why Onion and Garlic are Not Eaten in Navratri
नवरात्रि में प्याज और लहसुन खाने के दो मुख्य कारण हैं:
- तामसिक भोजन: प्याज और
लहसुन को तामसिक भोजन माना जाता है, जो शरीर में तामसिक गुणों को बढ़ाता
है। तामसिक गुणों से व्यक्ति के मन में अज्ञानता, वासना और क्रोध जैसी
नकारात्मक भावनाएं बढ़ती हैं। - शुभ कार्यों में वर्जित: प्याज और लहसुन को शुभ कार्यों में वर्जित माना जाता है। नवरात्रि एक शुभ अवसर है, इसलिए इस दौरान इनका सेवन नहीं किया जाता है।
Scientific Reasons
आयुर्वेद के अनुसार, प्याज और लहसुन शरीर में वात और पित्त दोष को बढ़ाते हैं। वात दोष से शरीर में गड़बड़ी होती है, जबकि पित्त दोष से मन में क्रोध और उग्रता आती है। नवरात्रि के दौरान इन दोषों को नियंत्रित करने के लिए प्याज और लहसुन का सेवन नहीं किया जाता है।
Pauranic Reasons
पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्याज और लहसुन का जन्म दैत्य स्वरभानु के सिर और धड़ से हुई थी। स्वरभानु एक असुर था, जो अमृत पीने के बाद भगवान विष्णु से युद्ध करता था। युद्ध में विष्णु ने स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया। स्वरभानु के सिर और धड़ से खून की बूंदें जमीन पर गिरीं, जिससे प्याज और लहसुन का जन्म हुआ।
Conclusion
नवरात्रि में प्याज और लहसुन का सेवन न करना ही श्रेयस्कर है। इससे व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह शुभ कर्मों में सफलता प्राप्त करता है।
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