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मीन राशि में राहु का गोचर: ज्योतिष विश्लेषण

मीन राशि में राहु का गोचर

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राहु और केतु को वैदिक ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है। राहु को भौतिकवाद, बुराई, भय, नाखुशी, जुनून और घबराहट का प्रतीक माना जाता है। केतु को ज्ञान, आध्यात्मिकता, रहस्य और रहस्यवाद का प्रतीक माना जाता है।

राहु 30 अक्टूबर, 2023 को मेष राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा। मीन राशि एक जल राशि है और इसका स्वामी बृहस्पति है। बृहस्पति एक शुभ ग्रह है जो ज्ञान, समृद्धि और भाग्य का प्रतीक है।

👉Remedies उपाय👈

राहु के मीन राशि में गोचर के कुछ संभावित प्रभाव निम्नलिखित हैं:

  • राजनीति और व्यापार: राहु कुछ राजनेताओं को जनता का समर्थन हासिल करने में मदद कर सकता है। राहु व्यवसायों में विकास और अनुसंधान को भी गति देगा। ईकॉमर्स कारोबार भी बढ़ सकता है। विनिर्माण और तकनीकी व्यवसाय जैसे समुद्री उपकरण आदि में काम करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इस पारगमन से लाभ हो सकता है।
  • स्टॉक ब्रोकर और जुआ: राहु सट्टा बाजार में लगे लोगों और व्यवसायों को मदद करेगा। राहु का शेयर बाजारों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जुए में लगे लोगों को भी सकारात्मक प्रभाव महसूस हो सकता है।
  • आध्यात्मिकता: राहु का मीन राशि में गोचर लोगों के आध्यात्मिक, कलात्मक और कल्पनाशील पक्षों को जागृत कर सकता है। जीवन की गहरी वास्तविकताओं और छिपी सच्चाइयों की खोज जुनूनी हो सकती है।
  • नकारात्मक प्रभाव: राहु एक अशुभ ग्रह भी है, इसलिए इसका मीन राशि में गोचर कुछ नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। इनमें शामिल हैं:
    • भ्रम और भ्रांति: राहु भ्रम और भ्रांति का कारण बन सकता है। लोग गलत निर्णय ले सकते हैं या गलत रास्ते पर जा सकते हैं।
    • धोखाधड़ी और घोटाला: राहु धोखाधड़ी और घोटाले का कारण बन सकता है। लोग दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग कर सकते हैं।
    • मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: राहु मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अवसाद और चिंता का कारण बन सकता है। लोग असहाय और भयभीत महसूस कर सकते हैं।

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राहु का मीन राशि में गोचर एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है जो दुनिया भर में कई लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकती है। नकारात्मक प्रभावों को कम करने और सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने के लिए, लोगों को राहु के प्रभावों को समझना और उनका सामना करने के लिए उपाय करना चाहिए।

राहु के मीन राशि में गोचर के दौरान कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

  • भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव राहु के स्वामी हैं। उनकी पूजा करके, लोग राहु के नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं।
  • गंगाजल से स्नान करें। गंगाजल एक पवित्र जल है जो राहु के प्रभावों को दूर करने में मदद कर सकता है।
  • दान करें। दान करना एक पुण्य कार्य है जो राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान चालीसा एक शक्तिशाली मंत्र है जो राहु के नकारात्मक प्रभावों से बचा सकता है।

राहु का मीन राशि में गोचर एक महत्वपूर्ण समय है जब लोगों को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर मिलता है। नकारात्मक प्रभावों से बचने और सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने के लिए, लोगों को राहु के प्रभावों को समझना और उनका सामना करने के लिए उपाय करना चाहिए।

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