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Vastu Tips: बेड बॉक्स में न रखें ये 4 चीजें, वरना हो सकता है आर्थिक नुकसान

Vastu Tips:

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वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखी हर चीज का व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। घर में रखी चीजें सही जगह और सही दिशा में होनी चाहिए। यदि इन्हें सही स्थान पर न रखा जाए तो ये नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जिसका असर परिवार के सदस्यों की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है।

अक्सर देखा जाता है कि जगह की कमी के कारण लोग कुछ चीजें बेड बॉक्स में रख देते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर कुछ चीजों को बेड बॉक्स में रखा जाए तो यह बहुत अशुभ माना जाता है। इन चीजों को बेड बॉक्स में रखने से आर्थिक नुकसान हो सकता है।

👉Remedies उपाय👈

ये हैं वो चीजें जो बेड बॉक्स में नहीं रखनी चाहिए:

  • भगवान की मूर्ति या तस्वीर:
    वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिस्तर पर कभी भी भगवान की मूर्ति या तस्वीर
    नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और आर्थिक
    नुकसान हो सकता है।
  • सोने और चांदी के आभूषण:
    वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोने और चांदी के आभूषणों को बेड बॉक्स में
    नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
  • अनाज या खाद्य पदार्थ:
    वास्तु शास्त्र के अनुसार, अनाज या खाद्य पदार्थों को बेड बॉक्स में नहीं
    रखना चाहिए। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं और आर्थिक
    नुकसान हो सकता है।
  • रसोई के बर्तन: वास्तु
    शास्त्र के अनुसार, रसोई के बर्तनों को बेड बॉक्स में नहीं रखना चाहिए। ऐसा
    करने से वैवाहिक जीवन में बाधाएं आ सकती हैं और आर्थिक स्थिति खराब हो
    सकती है।

इन चीजों को कहां रखें:

  • भगवान की मूर्ति या तस्वीर: भगवान की मूर्ति या तस्वीर को मंदिर या पूजा घर में रखें।
  • सोने और चांदी के आभूषण: सोने और चांदी के आभूषणों को अलमारी या लॉकर में रखें।
  • अनाज या खाद्य पदार्थ: अनाज या खाद्य पदार्थों को रसोई में रखें।
  • रसोई के बर्तन: रसोई के बर्तनों को रसोई में ही रखें।

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वास्तु शास्त्र के अनुसार, इन चीजों को बेड बॉक्स में रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जिससे आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसलिए इन चीजों को बेड बॉक्स में न रखें और उन्हें सही जगह पर रखें।

यहां कुछ वास्तु टिप्स दिए गए हैं जो आपको आर्थिक नुकसान से बचा सकते हैं:

  • घर में हर चीज को सही जगह और सही दिशा में रखें।
  • घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए नियमित रूप से पूजा-पाठ करें।
  • घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • घर में हरे पौधे लगाएं।

इन टिप्स को अपनाकर आप आर्थिक नुकसान से बच सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।

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वास्तु के ये उपाय दिलाएंगे मनचाही नौकरी vastu tips for job

बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, खासकर युवाओं के बीच। नौकरी पाने के लिए कई लोग मेहनत करते हैं, लेकिन सफलता नहीं मिलती। वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर का वास्तु भी नौकरी पाने में अहम भूमिका निभाता है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे वास्तु उपाय बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप मनचाही नौकरी पा सकते हैं।

  • उत्तर दिशा में मुख्य आईना लगाएं। उत्तर दिशा को कुबेर का स्थान माना जाता है। कुबेर धन और समृद्धि के देवता हैं। इस दिशा में मुख्य आईना लगाने से घर में धन और समृद्धि आती है। साथ ही, नौकरी पाने के योग बनते हैं।
  • घर के मध्य स्थान को खाली रखें। घर का मध्य स्थान ब्रह्म स्थान कहलाता है। यह भगवान ब्रह्मा और भगवान बृहस्पति का स्थान भी माना जाता है। भगवान बृहस्पति किसी भी जातक की कुंडली में तरक्की के कारक माने जाते हैं। ऐसे में घर के मध्य स्थान पर कोई भारी सामान न रखें। इस जगह को जितना हो सके उतना खाली ही रखेंगे तो आपके करियर के लिए बेहतर रहेगा।
  • नौकरी के लिए रुद्राक्ष धारण करें। रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है और उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। नौकरी पाने के लिए आप एक मुखी, दस मुखी या ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
  • शयन कक्ष में पीला रंग का उपयोग करें। पीला रंग भगवान बृहस्पति और भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय है। ऐसे में इन दोनों देवताओं की कृपा से आपके नौकरी का मार्ग प्रशस्त होगा।
  • इंटरव्यू या परीक्षा के लिए लाल रंग का रुमाल रखें। लाल रंग शुभता का प्रतीक माना जाता है। जब भी इंटरव्यू या परीक्षा देने जाएं तो अपने साथ लाल रंग का रुमाल जरूर रखें। इससे आपको सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
  • नौकरी के लिए परीक्षा या इंटरव्यू देने से पहले गणपति की पूजा करें। गणपति भगवान विघ्नहर्ता हैं। इनकी पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं। नौकरी के लिए परीक्षा या इंटरव्यू देने से पहले गणपति की पूजा करें और उनसे सफलता की कामना करें।
इन वास्तु उपायों को अपनाकर आप नौकरी पाने की संभावना बढ़ा सकते हैं। हालांकि, इन उपायों के साथ-साथ मेहनत और लगन भी जरूरी है।

Do You Know Vastu Shastra and Principles

Vastu Shastra, Vastu Devata, or Vastu Purusha hold a very important place for Vastu construction.  Vastu Shastra is an ancient Indian science of architecture. He is the main presiding deity of the house. The arrangement of the elements around us has a profound effect on our physical and mental well-being. 

Vastu Shastra

In this article, we will explore the basic concepts, and principles, of Vastu Shastra, and learn about its relevance in contemporary times.

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The literal meaning of Vastu Shastra

meaning of Vastu Shastra

Vastu Shastra is an ancient Indian architectural and design system. which seeks to bring harmony and balance to living spaces. Derived from the Sanskrit word “vastu”. Vastu means abode and “shastra” means science. Vastu Shastra encompasses principles and guidelines. which determine the layout, construction, and location of buildings.

Historical Origins of Vastu Shastra

Historical Origins of Vastu Shastra

The origins of Vastu Shastra can be traced back to ancient Indian scriptures. Which are also known as Vedas. Also from the Vedas especially Rigveda and Atharva Veda. These texts contain references to the importance of building structures in harmony with nature and the cosmos. Over time, the principles of Vastu Shastra were revised and codified in texts such as Vishwakarma Vastu Shastra and Brihit Samhita.

Importance of Vastu Shasta according to popular legend

  According to the scriptures, once Lord Shiva was engaged in a fierce war with the ‘Andhakasur’ Daitya. During this war, some drops of Shivaji’s sweat fell on the ground. A huge and terrible giant arose from among them. He started killing and terrorizing the gods. After some time all the gods got together and caught him and pressed him face down on the earth. They sat on him to prevent him from getting up again.

 To appease the giant they gave him a boon that he would be worshiped in all auspicious ceremonies. All the deities live on his body and because of this, he will be known as Vastu Purusha.

Vastu Purusha is lying on the ground in a specific posture as shown in the figure. His head is always in the Ishan angle while his feet are in the Narayatya angle. The soles of his feet keep touching each other.

As mentioned earlier, Vastu Purusha is lying on the ground in a specific posture. Which is pictured below. In this, his head is always in the Eshaan cone, while his feet are in the Nairitya cone. The soles of his feet keep touching each other.

Vastu

  • Key Principles of Vastu Shastra 

A. Site Selection and Orientation

  • Factors influencing site selection
  • Importance of cardinal directions (Dikpalas)
  • Auspicious and inauspicious plots

B. Building Design and Layout

  • The role of geometry and proportions
  • Vastu Purusha Mandala
  • Zoning and functional areas
  • Placement of rooms and elements

C. The Five Elements (Panchabhutas) and Their Significance

  • Earth (Prithvi) – stability and grounding
  • Water (Jal) – flow and purification
  • Fire (Agni) – energy and transformation
  • Air (Vayu) – circulation and movement
  • Space (Akasha) – expansiveness and connection

D. Energy Flow and Balancing

  • Vastu Purusha and energy grids
  • The flow of positive and negative energies
  • Remedies for energy imbalances